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अंजाम

"अंजाम " मेरी अच्छाइयों का सिला, ऐसा मिलेगा कभी सोचा ना था, हालात इतने बुरे होंगे, कभी सोचा ना था, मैंने माना जिसे अपना धर्म, उसे हर हाल में निभाया, परिणाम इतने बुरे होंगे, कभी सोचा ना था, क्या नियति तय की कोई, एहसास भी ना था, कभी अपाहिज बन बैठेंगे, कभी सोचा ना था, हमें स्वीकार है कुदरत के, इस अंजाम का परिणाम, जिंदगी उपहास बन जायेगी, कभी सोचा ना था । मेरी अच्छाइयों का सिला, ऐसा मिलेगा कभी सोचा ना था ।।