"वक्त का बदलाव "

"वक्त का बदलाव "
जो लोग औरों के बर्बादियों पर,
खुशियाँ मनाते हैं,
वो शायद भूल जाते हैं कि एक दिन,
उनका भी आयेगा,
रातें कितनी भी लम्बी हों पर,
उजाले में घुल ही जायेंगी,
उजाला कितना भी चमकदार हो,
समय आने पर रातों में लुप्त हो जायेगा,
ये वक्त का पहिया कभी रूकता नहीं,
जो आज रोशन है कब,
अंधेरों में घिर जायेगा,
यही जीवन की सच्चाई है,
इसे बदल पाना है नामुमकिन,
जो आज है कल हो ,
समझ पाना है नामुमकिन ।।

Comments

Popular posts from this blog

TAJ MAHAL

"बेबसी "

Mind Shift