प्रकृति का संदेश
प्रकृति का संदेश "
ये मौसम ये शमा कुछ हमसे कह रही है,
आसमान पर काली काली बदलियां,
अठखेलियां कर रही हैं,
बारिश की रिमझिम बुंदे संगीत धुन,
कह रही हैं,
तपती हुई धरा को तृप्त कर रही है,
प्रकृति का ये संगम सन्देश दे रही है,
एक दूसरे से मिलकर फैलाते है हरियाली,
जीवन के लिये प्रकृति देती है खुशहाली,
ये सूरज ये धरती,आकाश ये बादल,
ये बारिश की बूँदें ये धरती का आंचल,
सब कुछ मानव जीवन के लिए,
ईश्वर ने बनाया,
सृष्टि की रचना में सब जीवों का सुख छाया,
सब कुछ मिला ईश्वर से फिर भी अधूरा,
मानव की तृष्णा नहीं अभी भी पूरा ।।
ये मौसम ये शमा कुछ हमसे कह रही है,
आसमान पर काली काली बदलियां,
अठखेलियां कर रही हैं,
बारिश की रिमझिम बुंदे संगीत धुन,
कह रही हैं,
तपती हुई धरा को तृप्त कर रही है,
प्रकृति का ये संगम सन्देश दे रही है,
एक दूसरे से मिलकर फैलाते है हरियाली,
जीवन के लिये प्रकृति देती है खुशहाली,
ये सूरज ये धरती,आकाश ये बादल,
ये बारिश की बूँदें ये धरती का आंचल,
सब कुछ मानव जीवन के लिए,
ईश्वर ने बनाया,
सृष्टि की रचना में सब जीवों का सुख छाया,
सब कुछ मिला ईश्वर से फिर भी अधूरा,
मानव की तृष्णा नहीं अभी भी पूरा ।।
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