PF PAR TAX





 नई दिल्लीः एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश किया. इस बजट में पीएफ (Provident Fund- कर्मचारी भविष्य निधि) के अंशदान को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है. बता दें कि पीएफ में सालाना ढाई लाख से ज्यादा के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा. सरकार के इस प्रस्ताव का मकसद मोटा वेतन पाने वाले नौकरीपेशा लोगों पर कर लगाना है. 

इतनी सैलरी पाने वाले लोग नहीं होंगे प्रभावित
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएफ नौकरीपेशा लोगों के कल्याण के लिए है. जिन लोगों की सैलरी 2 लाख रुपए मासिक से कम है, वह सरकार के नए प्रस्ताव से प्रभावित नहीं होंगे. 

क्रीमी लेयर होगी प्रभावित

सरकार के नए प्रस्ताव को इस तरह से समझिए कि जो कर्मचारी हर माह करीब 21 हजार रुपए का योगदान पीएफ में करते हैं, वो ही सालाना 2.5 लाख रुपए का पीएफ जमा कर सकेंगे. गौर करने वाली बात है कि जो लोग हर माह 21 हजार रुपए पीएफ में जमा करेंगे, उनकी सैलरी भी लाखों रुपए में होगी. ऐसे में सरकार के नए प्रस्ताव से आम नौकरीपेशा लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है और इसका असर मोटी सैलरी पाने वाली क्रीमी लेयर पर ही पड़ेगा. 

बता दें कि एक अप्रैल से नया वेज कोड लागू होने वाला है. जिसमें प्रस्तावित है कि कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी कुल आय का 50 फीसदी होनी चाहिए. ऐसे में लोगों का सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा और पीएफ में योगदान भी बढ़ेगा. 



आपकी सैलरी पर कैसे होता है पीएफ कैलकुलेट

ईपीएफ या पीएफ की गणना हर माह की जाती है लेकिन वित्त वर्ष के अंत में इसे खाते में जमा किया जाता है. मान लीजिए कि किसी व्यक्ति की बेसिक सैलरी महंगाई भत्ता मिलाकर 15000 रुपए है. ऐसे में पीएफ खाते में कर्मचारी का योगदान 15 हजार का 12 फीसदी यानि कि 1800 रुपए होगा. वहीं ईपीएस खाते में नियोक्ता का योगदान 15 हजार का 12 फीसदी यानि कि 1250 रुपए होगा. पीएफ पर ब्याज दर अभी 8.5 फीसदी है.



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