यादें

"यादें "


यादों के सुनहरे पल,
जब मुझमें भी थी हलचल,
अपने सपनों के इंद्रधनुषी रंगों में,
आशाओं के झिलमिल हर पल ,
खुशियों के रंग बिरंगे ख्वाबों की,
वो उत्साह भरी हर बातें,
कुछ अलग सभी से बनने की,
दृढ संकल्प के हर दिन और रातें,
भावनाओं के सागर में उमडते,
लहरों की अमृत ध्वनि की कलकल,
अब मुझे सताती बीती यादें,
जिनमें भरी थी सुखद मुरादें,
आज असहाय जीवन की अर्थी,
बस देख रही ईश्वर की मर्जी,
नहीं कोई उत्साह रहा,
पर इतना विश्वास रहा,
एक बार सपनों का सावन,
बरसेगा उपवन में कलकल ।।

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