आतंक का तांडव


"आतंक का तांडव"
आतंक का साया मानवता पर आया,
खुशहाल जिन्दगी में भूचाल ऐसा आया,
रोते बिलखते लोग,मासूमों की चीत्कार,
माताओं के रुदन से विश्व थर्राया,
अपने अपने देश के नागरिकों की चिंता,
अचानक मानवता पर छायी विभिषका,
हर मुल्क के लिये है भयानक संदेश,
तालिबानियों के आतंक से विश्व घबराया,
अपने अपने घर बार छोड़ जाने को तैयार,
गोलियों की गूंज से आज जीवन है लाचार,
सामुहिक नरसंहार का ऐसा दावानल,
मानवता के इस रुप से इंसानियत गयी दहल,
इन्सान के रुप में शैतान का साया,
आतंक का यह तांडव देख दिल भर आया ।।

Comments

Popular posts from this blog

Mind Shift

दानवीर कर्ण

जीवन की जीजिविषा