माँ
"माँ "
माँ के आंचल की छाया में,प्यार का अमृत छलकता है,
संतान के सुख में ही,
माँ को सुकून मिलता है,
माँ के दिल की हर धड़कन,
सदा मनुहार करती है,
अपने संतान सुख के लिए,
ईश्वर का आह्वान करती है,
माँ तो स्वर्ग है धरती की,
ममता की साक्षात देवी,
माँ के चरणों में सदा नतमस्तक,
ये जननी है कुल देवी ।।
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